भोमिया राजपूत का बदला

बात झड़वासा गांव की है जहाँ एक भोमिया राजपूत सबल सिंह निवास करते थे और उसी गांव के हकीम निजाम अली रहने वाले थे । इन दोनों में बनती नहीं थी । अंग्रेज़ सरकार ने निजाम अली को 1877 ई में अजमेर का ऑनरेरी मजिस्ट्रेट बना दिया । मौका पाकर उसने गांव में आग लगने के आरोप में सबल सिंह को क़ैद करवा दिया । सबल सिंह क़ैद में रहे और रिहा होने का इंतज़ार करने लगे । जब वो रिहा होकर बाहर आये तो सबसे पहले अजमेर के बाज़ार से एक तलवार खरीदी । और सीधे दिन-दहाड़े हकीम निज़ाम अली की हवेली पहुँच गए और निज़ाम अली का सिर काट दिया । और उसके बाद छाती चौड़ी करके तलवार लहराते हुए चले गए । तत्कालीन अजमेर प्रशासन ने शहर के दरवाजे बंद करवाकर घुड़सवार पुलिस को पीछे दौड़ाया लेकिन वो कहीं भी नहीं मिले ।

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